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राष्ट्रभाषा हिंदी भाषा पर निबंध – Essay on hindi language in Hindi

Essay on hindi language in Hindi

हम सभी भारतवासी हिंदी बोलते हैं क्योंकि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। इस पोस्ट में हम आपके लिए हिंदी भाषा पर निबंध लेकर आए हैं जो आपको हमारे राष्ट्र भाषा के महत्व के प्रति अवगत कराएगी।

पूरी दुनिया में अनेकों भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन भारत जैसे विशाल देश के अंदर भी भाषाओं की कमी नहीं है। शुरुआत से ही भारत में विभिन्न संस्कृतियों के फलने फूलने की वजह से अनेक भाषाओं के उत्पन्न होने की संभावना भी ज्यादा हो गई और इसीलिए यहां पर अनगिनत भाषाएं बोली जाती हैं।

एक ही राज्य के विभिन्न जिलों में भी भाषाओं में अंतर देखा जाता है। यह वहां के लोगों के संस्कृति और सभ्यता के आधार पर भी निर्भर करती है। हिंदी भाषा के इन्हीं सभी महत्व के बारे में हम यहां पर चर्चा करें।

राष्ट्रभाषा हिंदी पर छोटे एवं बड़े निबंध – Short and Long Essay on hindi language in hindi

निबंध – 1 (200 शब्द)

प्रस्तावना

भारत के संविधान में हिंदी भाषा को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है और इसीलिए यहां की राष्ट्रभाषा के रूप में इसकी पहचान भी है। यह भाषा देवनागरी लिपि में है और इसके अधिकतर शब्द संस्कृत से लिए गए हैं एवं इसकी व्याकरण भी संस्कृत से ही प्रेरित है। पूरी दुनिया में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन हिंदी चौथे स्थान पर बोली जाने वाली भाषा है।

जब भारत को आजादी मिली उस वक्त यहां पर कोई एक भाषा को एक खास दर्जा नहीं मिला हुआ था इसीलिए यह निर्णय लिया गया कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाए।

हिंदी भाषा की विशेषता

यह भाषा बोलने और समझने में काफी आसान है इसीलिए आज 90 करोड़ लोग आसानी से इसे समझ लेते हैं। इसके अलावा इस भाषा को बोलने वाले को भी संख्या कम नहीं है बल्कि 50 करोड़ से ज्यादा लोग इस भाषा को बोल लेते हैं।

हिंदी भाषा को सीखने के लिए ज्यादा किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि कम से कम मेहनत करके और जल्दी ही आप हिंदी सीख लेते है। आज भारत के प्रत्येक राज्य जो हिंदी भाषी हैं उनमें इसी भाषा को राजभाषा के रूप में उपयोग किया जाता है। इस भाषा में अनगिनत शब्द है यानी कि आप एक ही वाक्य को कई तरीकों से बोल सकते है।

निष्कर्ष

हिंदी भाषा में में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं इसीलिए लोगों की रूचि इसमें बड़ी है

निबंध – 2 (300 शब्द)

प्रस्तावना

पूरे विश्व में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा चीनी है लेकिन हिंदी भाषा भी दुनिया के चौथे स्थान के भाषा है जो भारी संख्या में बोली जाती हैं

पूरी दुनिया में हिंदी समझने वाले लोगों की संख्या 90 करोड़ है जबकि 50 करोड़ से अधिक लोग हिंदी बोल लेते हैं। इस भाषा का अस्तित्व काफी पुराना है और इसकी लिपि देवनागरी है। हिंदी के अधिकतर जो शब्द है वह संस्कृत से लिए गए हैं। हिंदी की व्याकरण पूरी तरह से संस्कृत पर ही आधारित है

राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी

भारत के संविधान द्वारा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा की दर्जा दिया गया है और 14 सितंबर को इस उपलक्ष में हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है

हिंदी भाषा को देशव्यापी बनाने के लिए इसका उपयोग सरकारी कार्यालयों इत्यादि के लिए किया जाना अनिवार्य है और इसके अलावा स्कूलों एवं कॉलेजों में भी इस भाषा को पढ़ाई जाने के लिए जोर दिया गया।

यह निर्णय लिया गया कि 1965 तक सरकारी कामकाज के लिए अनुच्छेद 344 और अनुच्छेद 356 विवरण के गए निर्देशों के अनुसार इसका इस्तेमाल होना है इसके अलावा राज्य सरकारें अपनी पसंद के अनुसार भाषा का प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए उन्हें स्वतंत्रता दी गई

1963 ईस्वी में राजभाषा अधिनियम के अंतर्गत या पारित किया गया कि अंग्रेजी भाषा को अनिश्चितकाल के लिए उपयोग कर सकते हैं। भारत के निम्नलिखित राज्यों में हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में उपयोग किया जाता है बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश राजस्थान दिल्ली हरियाणा हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़

भाषा में रोजगार के अवसर

जाने वाले लोगों के लिए रोजगार के काफी अवसर उत्पन्न हुए हैं। केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारें हिंदी भाषा में ही अनिवार्य रूप से काम करती हैं। हिंदी भाषी राज्य हैं उनमें प्रत्येक वर्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं। रोजगार के रूप में शिक्षक प्रोफेसर हिंदी अनुवादक हिंदी सहायक इत्यादि पद मिलते हैं

इसके अलावा आज नहीं जी टीवी और रेडियो चैनल की भी शुरुआत हुई है जो निरंतर 24 घंटे काम करते हैं हिंदी मीडिया में संपादक संवाददाता न्यूज़ रिपोर्टर न्यूज़ रीडर उप संपादक रेडियो जॉकी एंकर इत्यादि के रोजगार भी उत्पन्न हो रहे हैं

निबंध – 3 (500 शब्द)

प्रस्तावना

हिंदी भारतीयों के कण-कण इसके बोले बिना लोग नहीं रह सकते। हिंदी भाषा भारत की आधिकारिक भाषा है और इसका इस्तेमाल यहां के हर स्कूल कॉलेज और कार्यालयों में किया जाता है।

आज की युवा पीढ़ी भले ही अंग्रेजी के पीछे पड़े हैं लेकिन जब भी किसी भी भारत के क्षेत्र में जाते हैं तो उन्हें हिंदी भाषा की जरूरत पड़ती है

हिंदी भाषा का प्रयोग से भारत में नहीं बल्कि दुनिया भर के विभिन्न देशों में भी इसी तरह किया जाता है जिनमें सबसे प्रमुख नेपाल श्रीलंका पाकिस्तान सिंगापुर ऑस्ट्रेलिया दुबई और भूटान इत्यादि है

हिंदी भाषा की प्राथमिकता

अपनी होगी कि भारत की राष्ट्रभाषा होने के बावजूद भी कई ऐसे प्रांत है जहां पर हिंदी को प्राथमिकता नहीं दी जाती है दुनिया में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषाओं में चौथा स्थान प्राप्त करने वाली आशा यही के देशवासियों के द्वारा पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं की जाती स्कूल कॉलेज सरकारी प्राइवेट और कॉर्पोरेट दफ्तर है जहां पर लोग हिंदी को छोड़कर अंग्रेजी को प्राथमिकता देते हैं और वहां के सारे कार्य अंग्रेजी में ही किए जाते हैं

उनका यही सोच है कि अंग्रेजी भाषा को जितना अधिक प्रयोग करेंगे हमारा विकास उतना अधिक होगा लेकिन यह दुखदाई तो है वह चीन और रूस जैसे देशों की तो वहां यहां के मामले में परिस्थिति बिल्कुल अलग है वहां पर सारे काम अपनी भाषा में ही करते हैं यहां तक कि उनकी अगर कंप्यूटर को भी देखेंगे तो उन्हीं की भाषा में मिलेगी चीन हो रूस और जापान उनका कंप्यूटर भी उसी भाषा में होता है।

इसके अलावा दक्षिण भारत में हिंदी को उतनी अधिक मान्यता नहीं दी जाती जहां पर वह अपनी भाषा को मान्यता देते हैं। दक्षिण भारत में ऐसे कम ही स्कूल होंगे जहां पर हिंदी भाषा बच्चों को पढ़ाया जाता है

हिंदी भाषा की लोकप्रियता

हिंदी गाने एवं फिल्में पूरी दुनिया में देखें और सुने जाते हैं जाते हैं और यही वजह है कि दूसरे देशों के लोगों का भी लगाओ हिंदी भाषा सीखने में काफी बढ़ता जा रहा है।

आज बॉलीवुड के एक्टर और एक्ट्रेस को दूसरे देशों के लोग भी अच्छी तरह से पहचानते हैं और उन्हें यहां की फिल्मों को देखना भी काफी पसंद है। पुरी दुनिया से लोग हिंदी सीखने के लिए रुचि दिखाते हैं।

भारत की राष्ट्रभाषा

भारत के अधिकतर लोगों को अपनी मातृभाषा के रूप में हिंदी को ही बोलना और समाज ना पसंद करते हैं क्योंकि इसे बोलना काफी आसान है और जो लोग इसे भूल नहीं पाते वह इसे आसानी से समझ जरूर लेते हैं बिना स्कूल गए हुए लोग घर से ही अच्छी हिंदी बोल लेते हैं हिंदी में कितने शब्द हैं कि एक ही बात की तो कई तरीके से बोला जा सकता है

इसे राष्ट्रभाषा के रूप में दर्जा दिलाने का निर्णय लिया

निष्कर्ष

जब पूरा देश विभिन्न भाषाओं और सभ्यताओं के साथ में अस्तित्व में हो और वहां पर किसी एक राष्ट्रभाषा के रूप में चुनना हो तो यह काफी कठिन बन जाता है। इसीलिए हिंदी को पूरे देश भर में राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दी गई।

निबंध – 4 (600 शब्द)

प्रस्तावना

भारत एक बहुत ही प्राचीन देश है जिसे विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों एवं भाषाओं के लिए पहचाना जाता है। दुनिया के सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक भाषा संस्कृत भी है और इसी से हिंदी बनकर निकली है। हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है।

इस भाषा का नाम हिंदी फारसी के एक शब्द हिंद से बनी है जिसका अर्थ होता है सिंधु नदी की जमीन। लेकिन इस भाषा में कई शब्द संस्कृत में प्रयोग किए जाते हैं। अब यह जानकर आश्चर्य होंगे कि अंग्रेजी में इस्तेमाल होने वाले कई शब्द ऐसे हैं जो हिंदी से प्रेरणात्मक है यानी कि हिंदी सही लिए गए हैं लेकिन इन्हें पूरी तरह से अंग्रेजी में इस्तेमाल किया जाता है जैसे जंगल, लूट, गुरु, कर्म, अवतार इत्यादि।

हिंदी भाषा को ध्वनि पर आधारित लिपि में लिखा गया है यानी कि हिंदी भाषा जिस प्रकार बोलने में इस्तेमाल होता है ठीक उसी प्रकार से इसे लिखा भी जाता है। इसके अलावा किस भाषा में हर शब्द को लिंग पर विभाजित किया गया है जो पुलिंग और स्त्रीलिंग होता है।

हिंदी भाषा का भारत के राष्ट्रभाषा के रूप में गठन

प्राचीन भारत कई भागों में विभाजित था और कोई एक केंद्रीय शासन नहीं था इस वजह से हर प्रांत में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती थी। विभिन्न प्रांतों में। राजाओं द्वारा शासन किया जाता था। जैसा क्षेत्र होता था लोग उसी तरह की संस्कृति में रहते थे और वही की भाषा को बोलते थे।

इसके बाद बाहर के। लोगों ने यहां पर शासन किया जिसमें सल्तनत काल मुगल काल और उसके बाद ब्रिटिश साम्राज्य भी काफी लंबे समय तक रहा।

इन सभी शासन कालों की वजह से यहां पर नई-नई भाषाओं का भी आगमन हुआ। ब्रिटिश शासन बहुत ही क्रूर थी और उनकी अत्याचार की वजह से भारतीय एकजुट हुए और उनके खिलाफ काफी लंबी लड़ाई चली।

जब भारत को आजादी मिली तो हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने यह निर्णय लिया कि पूरे देश में एक राष्ट्रभाषा चुना जाए जो सभी के लिए आसान हो और सभी प्रयोग कर सके और इस प्रकार हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया

1950 ईस्वी में 14 सितंबर के दिन हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया और तब से हर साल इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है

हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी भाषा सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि यह एक दूसरे से संचार करने का सबसे अच्छा माध्यम है और यह सभी देशवासियों को एक साथ जोड़ता है

हर देश में अपना एक राष्ट्र भाषा होता है और वहां पर सारे कार्य उसी भाषा पर आधारित होते हैं यहां तक कि उनके कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम भी उसी भाषा में होता है जैसे चाइनीस चाइना में इस्तेमाल होता है उसी प्रकार रशियन भाषा रूस में इस्तेमाल किया जाता है

भारत में बाहर से कई भाषाएं आई लेकिन कभी भी सारे भारतीय उस भाषा में ढल नहीं सके लेकिन हिंदी का विकास भारत में सदियों से हो रहा है और यह भारत में प्रत्येक प्रांत में अपनी पहचान बना चुका है

लोगों का क्षेत्रीय भाषा कुछ भी हो लेकिन उन्हें हिंदी बोलना भी काफी पसंद है और जब अपने राज्य से बाहर किसी दूसरे क्षेत्र में जाते हैं तो वहां इसी बात के माध्यम से दूसरे लोगों से भी संपर्क करते हैं हिंदी बहुत ही सरल भाषा है और इसका इस्तेमाल करना भी काफी आसान है।

इसे सीखने वाले लोगों को भी इसका व्याकरण काफी आसान लगता है और इसे आसानी से इस्तेमाल कर भी लेते हैं इस भाषा को सीखने के लिए अधिक किताबें पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ती भारत की मुख्य आबादी के सिर्फ 30% लोग ही अंग्रेजी अच्छे से जानते हैं और बाकी लोगों को अंग्रेजी उतनी अच्छी तरह से नहीं आती इसीलिए वह भाषा के रूप में हिंदी का ही प्रयोग करते हैं।

निष्कर्ष

हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मना कर हम अपनी राष्ट्रभाषा को सम्मान देते हैं और आज तो लोग जैसे अंग्रेजी भाषा सीखने में काफी समय देते हैं उसी प्रकार देश के दूसरे राज्यों में भ्रमण करने के लिए भी हिंदी की जरूरत ही पड़ जाती है इसीलिए इस भाषा का महत्व कभी भी कम नहीं हो सकता

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